ज्ञान, भक्ति और वैराग्य के प्रसंगों से श्रोतागण हुए मंत्रमुग्ध
ध्रुव की अटूट साधना ने दी श्रद्धालुओं को दृढ़ भक्ति का संदेश
स्वतंत्र पत्रकार विजन
स्वयं शाही
गोरखपुर।
बहार क्लस्टर, सहारा स्टेट, गोरखपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिवस की कथा में विश्व की सबसे कम आयु की अंतर्राष्ट्रीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया ने भक्तों को कपिल उपाख्यान, भगवान शिव की कथा और भक्त ध्रुव चरित का दिव्य वाचन कर भावविभोर कर दिया।
उन्होंने कपिल उपाख्यान का उल्लेख करते हुए समझाया कि कपिल देव ने माता देवहूति को सांख्य योग का उपदेश देकर जीवन के रहस्यों को स्पष्ट किया और भक्ति एवं ज्ञान का अद्वितीय मार्ग बताया। श्रोताओं ने इस प्रसंग से आत्मचिंतन और जीवन की दिशा तय करने की प्रेरणा प्राप्त की।
इसके पश्चात उन्होंने शिव कथा का वर्णन करते हुए भगवान भोलेनाथ की महिमा का गान किया। उन्होंने बताया कि कैसे शिव जी करुणा, त्याग और समर्पण के अद्वितीय प्रतीक हैं। भगवान शिव का स्मरण करने मात्र से ही जीव के पाप नष्ट होते हैं और उसे मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है।
तीसरे दिवस की कथा का मुख्य आकर्षण रहा भक्त ध्रुव चरित। श्वेतिमा माधव प्रिया ने बालक ध्रुव की दृढ़ साधना और अटूट श्रद्धा का ऐसा भावपूर्ण चित्रण किया कि सम्पूर्ण पंडाल में भक्ति का अद्भुत वातावरण निर्मित हो गया। उन्होंने बताया कि ध्रुव की निष्ठा ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्चे मन से की गई भक्ति कभी व्यर्थ नहीं जाती और ईश्वर स्वयं अपने भक्त की रक्षा करते हैं।
श्रोतागण ध्रुव की कथा सुनकर गहराई से प्रभावित हुए और ‘ध्रुव ध्रुव’ के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। कथा के समापन पर श्रद्धालु ‘हरि-हरि’ और ‘राधे-राधे’ के भक्ति स्वर में सराबोर हो गए।
आयोजक एवं यजमान: अनिल श्रीवास्तव एवं विनीता श्रीवास्तव
कथा संयोजिका: डॉ. सरिता सिंह
मात्र आठ वर्ष की आयु में ही श्वेतिमा माधव प्रिया अपनी अनुपम कथा-वाचन शैली से देश-विदेश में आध्यात्मिक चेतना का संचार कर रही हैं। यह उनकी 24वीं श्रीमद्भागवत कथा है, जो श्रद्धालुओं के लिए दिव्य अनुभव का अवसर बनी हुई है।
इस दौरान आचार्य गौरव, डा सौरभ पाण्डेय, सर्वेश कांत वर्मा , डा देवेंद्र कुमार पाठक ,डा वी बी पाण्डेय उर्फ पवन जी महराज, डा राकेश सिंह,बृजेंद्र सिंह,लव दुबे,आलोक तिवारी, प्रताप कुमार तिवारी अतिथि गण एवं संजय श्रीवास्तव, डा प्रेम प्रकाश पाण्डेय,रणविजय सिंह, उदय शंकर ओझा, भानु प्रताप सिंह, राजू सिंह, पुष्पेंद्र शुक्ला, अभिनव जायसवाल, देवेंद्र प्रताप मिश्र, जय प्रकाश श्रीवास्तव और प्रेम कुमार मिश्र ये सभी अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं, जिनके प्रयास समाज के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
