संवाददाता
वाराणसी के अधीक्षक दिग्विजय सिंह के करतूतो को देखने पर ऐसा महसूस होता है कि कोई विषैला सांप पूरे अस्पताल को अपने बिष से विषेला बना रहा है किंतु इसका बिष अस्पताल पर तो दिखाई दे रहा है परंतु क्या कारण है कि ?प्रशासनिक अधिकारी वाराणसी तथा सुबेह के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री यहां तक की पर्यटन मंत्री भी डीयम वाराणसी के साथ अस्पताल का गहन निरीक्षण किया तथा पाया कि फार्मासिस्ट के टेबल पर एमआरपी लिखा हुआ बाजार का दवा मिला इसके साथ ही स्टोर के पास भी यही दवा बाजार वाला ही दिखाई दिया जिस पर पर्यटन मंत्री आग बबूला हो उठे तथा डीयम वाराणसी को आदेशित किया कि माननीय प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में इस प्रकार की घोर निंदनीय एवं अश्वनी कार्य की अधीक्षक द्वारा कार्य कराया जा रहा है कार्य अधीक्षक दिग्विजय सिंह इस प्रकार के प्रकरण का संचालक है आश्चर्य की बात यह है कि दिग्विजय सिंह का गृह जनपद वाराणसी ही है और तीस वर्षों से वाराणसी मंडल में ही घूम फिर के रहता है आज तक यह घांघ वाराणसी मंडल के बाहर नहीं गया और नहीं इसका स्थानांतरण हुआ किया जा रहा हैक्षेत्र वाराणसी में इस तरीके का अस्पताल के भीतर हो रहा है जिस पर शासन के लोग भी चुप्पी साधे हुए हैं ऐसा क्यो,सूत्र बताते हैं कि कार्य अधीक्षक पंडित दीनदयाल अस्पताल में जो विषैले नाग की तरह बैठा हुआ है वह प्रधानमंत्री तो क्या पूरे देश कोअपने विषैला बीषसे बीषधर बना देगा से समय रहते हुए न चेत गया तो अपने पूरे देश को विषैला बना देगा/मंडल से बाहर न जाने का कारण यह है कि अपने वित्तीय अनियमिताओं से खूब लूट घासोत करता है और उसी के बल पर अपने स्थानांतरण को भी रुकवा लेता है ऐसे ही धन उगाई के बल पर दिग्विजय सिंह बहुत सारे अपने चहीते को पाल रखा है