रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन
गाजीपुर। पैमाइश से लेकर खारिज दाखिल, वरासत आदि मामलों में भी लोगों को तहसील का चक्कर लगाना पड़ रहा है। आरोप तो यहां तक लग रहे हैं बिना पैसा खर्च किए कोई काम नहीं हो रहा है। स्थिति यह है कि जनपद में एक पखवारे के अंदर दो लेखपाल रिश्वत लेते गिरफ्तार हो चुके हैं। सैदपुर के नियुक्त लेखपाल हरिगोविंद सिंह कुशवाहा को दस हजार रुपये रिश्वत लेते बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया है। इसके पहले कासिमाबाद तहसील परिसर से 28 दिसंबर को लेखपाल सुरेंद्र राम को घूस लेते गिरफ्तारी किया गया था।कासिमाबाद तहसील क्षेत्र के मुहम्मदपुर टड़वा गांव निवासी हरिराम चौहान खेत का सीमांकन करने के लिए वर्ष 2018 से ही परेशान चल रहे हैं। उप जिलाधिकारी न्यायालय से आदेश होने के बाद भी पांच वर्षों तक हरे राम के खेत की पैमाइश और सीमांकन का कार्य नहीं हुआ। कई लेखपाल और कानूनगो बदले फिर भी सीमांकन कार्य नहीं हो पाया। मुख्य तहसील दिवस से लेकर हर समाधान दिवसों पर कई प्रार्थना पत्र दिया पर न्याय नहीं मिला।
इधर, क्षेत्रीय लेखपाल सुरेंद्र राम हरे राम से खेत की पैमाइश और सीमांकन कार्य के लिए पैसे की डिमांड किया था। पैसे की डिमांड के बाद हरे राम चौहान उप जिलाधिकारी के आदेश से लेकर समाधान दिवसों पर दिए गए प्रार्थना पत्र की कॉपी एंटी करप्शन टीम से मिलकर शिकायत करते हुए लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया था, जिसके बाद एंटी करप्शन टीम लेखपाल सुरेंद्र राम को तहसील परिसर से रंगे हाथ घूस लेते हुए गिरफ्तार कर नोनहरा थाने में मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भिजवा दिया था।