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मृत्युभोज कुप्रथा बंद होनी ही चाहिए डा० सिंहासन यादव

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाज़ीपुर। गाजीपुर जनपद में इन दिनों मृत्यु भोज पर रोक को ले करके अनेको मामले सामने आ रहे हैं हम आपको बता दें कि सदर कोतवाली क्षेत्र के बीकापुर (कौवाबारी) गांव निवासी कैलाश यादव और सदानंद यादव ने अपने पिता स्व. राम नगीना यादव की मृत्यु के बाद मृत्यु भोज पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। शोक के माहौल में मृत्यु भोज पर रोक लगाने को लेकर लोगों की जबरदस्त सहमति देखने को मिल रही है। इसके साथ ही समाज भी आगे आ रहा है। गाजीपुर जनपद के डा सिंहासन यादव का कहना है कि मृत्यु भोज कुप्रथा बंद होनी ही चाहिए। जो बरसों से परंपरा बनी हुई है। जिले में कई ऐसे लोग हैं, जो अच्छी पहल करते हुए मृत्युभोज पर प्रतिबंध लगा रहे है। राष्ट्रीय पुर्वांचल विकास पार्टी के अध्य्क्ष जय प्रकाश जी ने कहा कि समाज में एक अच्छी पहल को सभी लोगो को स्वीकार करना चाहिए। अपने प्रिय जनो को खोने का दर्द अभी मिटा नहीं जोकि ऐसी परंपरा को खत्म करना चाहिए। और समाज में फैली कुरीतियों में से एक दहेज प्रथा को भी समाज से मिटाना होगा। सर्व समाज के लोगों का कहना है कि समय एवं परिस्थिति को देखकर शोक संतप्त परिवार मृत्यु भोज को बंद करें या बहुत जरूरी होने पर संक्षिप्त रुप में अपने परिवार में ही सीमित रखें। इसे सामूहिक सामाजिक भोज का रुप न दें, यह कोई आवश्यक नहीं है। यदि हो सके तो मृत्यु भोज के अवसर पर दीनहीन, असहाय, गरीबजनों को भोजन, वस्त्र देकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करें। कार्यक्रम का सफल संचालन विजय कुमार मधुरेश जी ने किया। इस मौके पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालो मे परिजनो के साथ अछैबार यादव, डा श्रीराम यादव, पारस यादव, संगम यादव, राजेंद्र यादव, बलिराम यादव, कमांडर, राम प्रताप यादव, उपेंद्र यादव, प्रभुनाथ यादव, राजेंद्र यादव, राधेश्याम यादव, पंकज यादव, हरेंद्र यादव, प्रवीण यादव, आदि लोग रहे।

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