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गाय,गंगा, गायत्री और गुरू भारतीय संस्कार के पांच मुख्य आधार हैं – डॉ. श्याम बिहारी दुबे

*निघासन के बम्हनपुर में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन सम्पन्न हुए 201 संस्कार

विमल मिश्रा
पत्रकार विजन

लखीमपुर खीरी।
जनपद लखीमपुर खीरी की निघासन तहसील के कस्बा बम्हनपुर में चल रहे 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन दो सौ एक संस्कार संपन्न हुए। वेदाचार्य ने लोगों को भारतीय संस्कार के पांच आधार बताए। यज्ञ परिसर में पूरे दिन भंडारा चलता रहा।
रामाधीन इंटर कॉलेज में चल रहे 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं 251 सामूहिक विवाह संस्कार के तीसरे दिन मंगलवार को वैदिक मंत्रों के साथ दो सौ एक संस्कार संपन्न हुए। शांतिकुंज से पधारे राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर श्याम बिहारी दुबे ने प्रवचन के दौरान कहा कि हमारे भारतीय संस्कार के पांच मुख्य आधार हैं। गाय, गंगा, गायत्री, गीता और गुरु। पुराने समय में द्वारे पर गाय बंधी रहती थी। आज उसके स्थान पर कुत्ता बंधा मिलता है। गंगा हमारी पवित्र नदी है जिसको हम सब ने दूषित कर दिया है। गंगा को स्वच्छ करना हमारा कर्तव्य बन गया है। गायत्री हमारे प्रेरणा का स्रोत है। गीता हमारी ज्ञानगंगा है। गुरु हमारे जीवन के निर्माता हैं। ये पांचों हमारे सनातन धर्म के आधार हैं। हवन के बाद संस्कार संपन्न हुए। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञोपवीत संस्कार 11, दीक्षा संस्कार 108, मुंडन तथा विद्यारंभ संस्कार 25-25, नामकरण एवं अन्नप्राशन पांच पांच तथा पुंसवन संस्कार 21 संपन्न हुए। संस्कार प्रभारी प्रज्ञानंद श्रीवास्तव ने बताया कि संस्कार वैदिक मंत्रों द्वारा संपन्न कराए गए हैं।यज्ञ के आयोजक देशराज राठौर ने बताया कि बुधवार को 251 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे,जिनको आशीर्वाद देने के लिए राज्य सरकार के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार मौजूद होंगे।

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