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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का उद्देश्य यहां पूर्ण नहीं शिक्षिकाओं और संसाधनों की कमी से जूझ रहा बालिका विद्यालय

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाजीपुर। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सादात में शिक्षिकाओं की कमी के साथ ही प्रयोगशाला और आधुनिक संसाधनों के अभाव से छात्राओं को पठन पाठन में काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। प्रधानमंत्री का बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का उद्देश्य यहां पूर्ण होता नहीं दिख रहा है। संसाधनों और शिक्षिकाओं की कमी के कारण विद्यालय में छात्राओं की संख्या कम होती जा रही है। सरस्वती के इस मन्दिर में नियमानुसार कुल 19 शिक्षकों सापेक्ष ,प्रधानाचार्य सहित मात्र पांच शिक्षिकाएँ ही कार्यरत हैं, जबकि यहां हाईस्कूल में नौ तथा इंटर में दस विषयों की मान्यता है। जिसके सापेक्ष मात्र पांच शिक्षिका ही कार्य कर रही हैं। इतना ही नहीं बल्कि यहां छात्राओं के बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर का भी अभाव है। वर्तमान समय में प्रधानाचार्या मंजू प्रकाश के अलावा इंटर में मनोविज्ञान की शिक्षिका साधना सिंह और गणित की सुनंदा कुशवाहा तथा हाईस्कूल में सहायक अध्यापिका प्रतिभा मिश्रा व मंजुला श्रीवास्तव कार्यरत हैं। इन पर ही अन्य सभी विषयों को भी पढ़ाने की जिम्मेदारी है। दूसरे बिषय में पारंगत न होते हुए भी ये शिक्षिकाएं किताब पढ़कर छात्राओं को शिक्षा दे रही हैं। यही नहीं वर्ष 2009 में द्वितीय तल के भवन का निर्माण शुरू हुआ जो अब भी अर्धनिर्मित ही है। इसके कारण आज तक भवन हैंडओवर ही नहीं हो सका। दूसरे तल पर ही भौतिक व रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला भी निर्माणाधीन है, जिसके अभाव में छात्राओं को प्रैक्टिकल करने में परेशानियां उठानी पड़ती हैं। वहीं भूतल पर स्थित एकमात्र प्रयोगशाला में जो सामग्री मौजूद है उसी से किसी तरह काम चलाया जाता है। प्रधानाचार्या मंजू प्रकाश ने बताया कि शिक्षकों की कमी और सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर शिक्षा देने का हर संभव प्रयास किया जाता है। शिक्षिकाओं की नियुक्ति, द्वितीय तल पर निर्माणाधीन भवन और लैब को पूरा कराने सहित आधुनिक संसाधनों को मुहैया कराने के लिए उच्चाधिकारियों से पत्र व्यवहार किया जा रहा है।

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