रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन
गाज़ीपुर। प्रदेश सरकार के लाख कवायद के बावजूद किसानों को छुट्टा निराश्रित पशुओं से निजात नहीं मिल पा रही है। हर गांव में दर्जनों की संख्या में घूमते अवारा पशु किसानों के गले की फांस बन कर रह गये हैं। किसान अपने धान के फसलों को बर्बादी से बचाने के लिए रात दिन खेतों की रखवाली करते रहे तो वहीं अब इस सीजन में भी ये छुट्टा पशु किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गये हैं। छुट्टा पशु किसानों के खेतों में बोई गई दलहनी, तिलहनी सहित अन्य फसलों के नये पौधों को खाकर काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। अपनी महंगी लागत और मेहनत को नष्ट होते देखा किसानों के माथे पर बल पड़ने लगे हैं।
क्षेत्रों में बनाये गये पशु आश्रय केन्द्र भी बेमाने होकर रह गये हैं। सादात क्षेत्र के टांड़ा गांव में बना गोशाला नाकाफी साबित हो रहा है। क्षमता से अधिक मवेशी होने के कारण दर्जनों छुट्टा मवेशी सड़कों से लेकर किसानों की खेतों में घूमते रहते हैं। इससे फसलों को काफी क्षति हो रही है। किसानों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए छुट्टा पशुओं से अपनी फसल को बचाने की गुहार लगाई है। ग्रामवासी राम अवध राम, त्रिभुवन सिंह, दयाशंकर सिंह, रवि सिंह, विजय शंकर तिवारी, गौरीशंकर सिंह, विनय आदि ने प्रशासन से मांग किया है कि छुट्टा मवेशियों को पकड़कर गौशालाओं में भेजा जाय, ताकि किसानों को इस समस्या से निजात मिल सके।”