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“यातायात माह” के दृष्टिगत पुलिसकर्मियों को आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा सीपीआर का दिया गया प्रशिक्षण, साथ ही वाहन चालकों तथा पुलिसकर्मियों के आंख व कान का किया गया परीक्षण

कमलेश यादव की रिपोर्ट

आज दिन बुधवार को “यातायात माह” के परिपेक्ष्य में मेहदावल बाईपास पर जिला अस्पताल के 03 चिकित्सकों *डा0 संतोष त्रिपाठी (परामर्शदाता), एम0के0सिंह (ई0एन0टी0), के0पी0 विश्वकर्मा (आप्टोमेट्रिस्ट) द्वारा निःशुल्क कैम्प लगाकर प्रभारी यातायात परमहंश की उपस्थिति में पुलिसकर्मियों व आमजन को भागदौड़ भरी जीवन शैली और खान-पान में होनी वाली लापरवाहियों के चलते हार्ट अटैक होने की स्थिति में लोगों की जान बचाने के लिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन ( सीपीआर ) के संबंध में जानकारी देकर सीपीआर दिए जाने की प्रक्रिया से अवगत कराया गया । साथ ही वाहन चालकों तथा पुलिसकर्मियों के आंख व कान का परीक्षण भी किया गया । सीपीआर चिकित्सक द्वारा प्रशिक्षण में बताया गया कि कई बार किसी व्यक्ति की अचानक सांस रूक जाती है या फिर कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में सांस नही आती ऐसी स्थिति में उसे सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसे दी जाती है, इससे फेफड़ो को आक्सीजन मिलती है। सीपीआर एक आपातकालीन प्रक्रिया है जब किसी व्यक्ति का दिल धडक़ना बंद कर देता है तो उसे कार्डिएक अरेस्ट कहते है। कार्डियएक अरेस्ट के दौरान हृदय मस्तिष्क और फेफड़ो सहित शरीर के बाकि हिस्सों रक्त पंप नही कर सकता, इस दौरान बिना इलाज के किसी व्यक्ति की मिनटों में मौत हो सकती है उसे सीपीआर देकर बचाया जा सकता है । साथ ही चिकित्सकों द्वारा वाहन चालकों, आमजन व पुलिसकर्मियों के आंख व कान का किया गया परीक्षण कर उचित परामर्श दिया गया । इस दौरान उ0नि0 अजय राय, उ0नि0 भोला प्रसाद, उ0नि0 विरल पासवान, हे0कां0 आनंद मोहन सिंह, हे0कां0 सुरेंद्र प्रसाद, हे0कां0 हवलदार, हे0कां0 गिरिजेश यादव, हे0कां0 हरिंद्र पाण्डेय, कां0 प्रदीप जायसवाल, कां0 सत्यनेश गोंड आदि मौजूद रहे।

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