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मार्कंडेय महादेव मंदिर जहां से यम को लौटना पड़ा था उलटे पांव, पूजा से मिलता है लंबी उम्र का वरदान

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

वाराणसी । काशी विश्वनाथ नगरी से महज 30 किमी की दूरी पर कैथी में स्थित मार्कंडेय महादेव का पावन धाम, जहां दर्शन मात्र से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है और शिव भक्त को लंबी आयु का वरदान मिलता है सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अत्यंत शुभ और शीघ्र फल प्रदान करने वाली मानी गई है. यही कारण है कि इस पावन श्रावण मास में देश के शिवालय में शिवभक्तों की भारी भीड़ दर्शन और पूजन के लिए पहुंचती है. शिव के प्रमुख पावन धाम में से एक है मार्कंडेय महोदव मंदिर, जो कि बाबा विश्वनाथ की नगरी से महज 30 किमी की दूरी पर कैथी में स्थित है. आइए भगवान शिव के इस पावन और चमत्कारी धाम में श्रावण मास में की जाने वाली पूजा का फल और इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में विस्तार से जानते हैं.
मार्कंडेय महादेव की पौराणिक कथा
मान्यता है कि एक बार नि:संतान मृकण्ड ऋषि तथा उनकी पत्नि मरन्धती को किसी ने व्यंग्य करके अपमानित किया कि बगैर पुत्र के उनका वंश नहीं बढ़ पाएगा तो उन्होंने संतान की कामना से पहले ब्रह्मा जी की तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने बताया कि उनके भाग्य को सिर्फ भगवान शिव बदल सकते हैं, फिर उन्होंने महादेव की कठिन तपस्या की और उनसे पुत्र प्राप्ति का वरदान पाया, लेकिन भगवान शिव ने साथ में यह भी कहा कि उनका पुत्र सिर्फ 12 साल तक ही जीवित रहेगा. इसके बाद उनके यहां मार्कंडेय नाम से संतान हुई. कुछ साल बीतने के बाद जब मार्कंडेय को अपनी अल्पायु के बारे में पता चला तो उसने उन्हीं महादेव के लिए तप करना शुरु किया जिनके आशीर्वाद से उनका जन्म हुआ था. फिर भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें दीर्घायु प्रदान की और यमराज को 12 साल की उम्र पूरी होने पर बगैर उनके प्राण लिए ही लौट जाना पड़ा.
पूजा से पूरी हेाती है संतान सुख की कामना
मां गंगा और गोमती के तट पर स्थित मार्कंडेय महादेव मंदिर के बारे में मान्यता है कि कभी इसी स्थान पर राजा दशरथ को पुत्र प्राप्ति के लिए श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था.मान्यता है कि महादेव के इस पावन धाम पर विधि-विधान से पूजा करने पर व्यक्ति की संतान से जुड़ी कामना शीघ्र ही पूरी होती है. यही कारण है कि यहां पर देश के कोने-कोने से लोग अपनी इस कामना को लिए मार्कंडेय महादेव के मंदिर में पहुंचते हैं.

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