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नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा समापन पर किया गया भंडारे का आयोजन

रिपोर्ट

शशिकान्त जायसवाल स्वतंत्र पत्रकार विजन

जनपद गाजीपुर के सेवराई तहसील क्षेत्र के ग्राम नौली शिव काली मंदिर प्राचीन गंगाधारा नगरी में आयोजित नौ दिवसीय श्रीम भागवत कथा के समापन पर आज कथास्थल पर हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर भोजन प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया। कथा व्यास पं० कन्हैया त्रिवेदी महाराज ने नौ दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। आज यज्ञाचार्य डॉ० धनंजय पाण्डेय ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्नाा होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्ना होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथावाचक ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। आज यज्ञाचार्य डॉ० धनंजय पाण्डे ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्नाा होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है।

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