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सिर्फ शिवजी के वाहन नहीं, बल्कि धर्म के प्रतीक हैं नंदी; इसलिए संसद में स्थापित धर्मदंड सेंगोल के शीर्ष पर हैं विराजमान

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

वाराणसी । काशी नगरी के गोला चोलापुर में आयोजित राम कथा के तीसरे दिन कथा वाचक बाबा बालक दास ने भगवान शंकर के विवाह प्रसंग पर सविस्तार बताया कथावाचक ने बताया कि जिस प्रकार भगवान शंकर ने नंदी पर उल्टे बैठकर पूछ पकड़ कर नंदी धर्म के प्रतीक है धर्म को पड़कर चले है सिर्फ शिवजी के वाहन नहीं, बल्कि धर्म के प्रतीक हैं नंदी; इसलिए संसद में स्थापित धर्मदंड सेंगोल के शीर्ष पर हैं विराजमान उसी तरह जो धर्म को पकड़ कर चलता है उसकी जीवन की नैया पर हो जाती है दास ने बताया भगवान शंकर का त्रिशूल दैहिक दैविक व भौतिक तापों को दूर करने वाला है राम कथा के शुभारंभ के पूर्व समिति के महेंद्र नारायण सिंह ने सपत्नीक बालक दास महाराज का बंदन व अभिनंदन किया उसी क्रम में क्षेत्रीय महात्मा ध्रुव सिंह का माल्यार्पण कर समिति के लोगों ने स्वागत किया समिति के अध्यक्ष शिव शंकर सिंह( बच्चा सिंह) एवं डॉ महेंद्र सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित किया कथा स्थल पर सैकड़ो भक्तजन मंत्रमुग्ध होकर कथा का श्रवण कर रहे थे कार्यक्रम में मुख्य रूप से सर्वश्री विजय सिंह, रामाशंकर यादव, बाला जी राय येच एस अकैडमी, सुभाष गुप्ता ,विनोद सिंह ,त्रिभुवन चौबे, राम मूरत तिवारी, अनिल सेठ, सुरेंद्र सिंह, विनोद पाठक ,हरिश्चंद्र प्रसाद, रामप्यारे सिंह, भरत जायसवाल एवं राजेश सिंह आदि लोग भी मौजूद थे

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