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गजीपुर में 21 अपात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के आवासों का आवंटन कराकर शासकीय धनराशि का दुरूपयोग

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाजीपुर – आज जिला विकास अधिकारी सुबास चन्द्र सरोज ने बताया है कि  बृजेश पाल, ग्राम विकास अधिकारी, विकास खण्ड – कासिमाबाद (गाजीपुर), जिनके विरूद्ध निम्नलिखित आरोपों के संबंध में अनुशासनिक कार्यवाही किया गया है को तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।  विकास खण्ड-कासिमाबाद के अन्तर्गत ग्राम पंचायत का गजीपुर में 21 अपात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत आवासों का आवंटन कराकर शासकीय धनराशि का दुरूपयोग/अनियमितता किया गया है।  शासनादेशो/उच्चाधिकारियों के आदेशो/निर्देशों की अवहेलना किया गया।  निलम्बन अवधि में श्री पाल को वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-2 भाग-2 से 4 के मूलनियम-53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्ध वेतन पर देय राशि के बराबर देय होगी तथा उनके जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह भत्ते के साथ कोई महगाई भत्ता देय न होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महगाई भत्ता अथवा महगाई भत्ते का उपान्तिक समायोजन प्राप्त नही हुआ था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होगें, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं। उपरोक्त प्रस्तर-(2) में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जब श्री पाल द्वारा इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जायेगा कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापारवृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं। निलम्बन अवधि में श्री पाल, खण्ड विकास अधिकारी, जमानियाँ, गाजीपुर से सम्बद्ध रहेगें। प्रश्नगत प्रकरण में खण्ड विकास अधिकारी, मरदह (गाजीपुर) को जॉच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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