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प्रेमा कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी मेहदावल में D PHARMA काउंसलिंग प्रक्रिया हुई तेज

कमलेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

संत कबीर नगर— प्रवेश की चाहत रखने वाले छात्र-छात्राएं जल्दी करें आवेदन, सीमित है सीटें कॉलेज कोड 4546 के जरिए अब तक अधिकतर अभ्यर्थी करा चुके हैं अपना काउंसलिंग जनपद संतकबीरनगर के तहसील मेहदावल में प्रेमा कॉलेज आफ फार्मेसी में डी फार्मा में प्रवेश हेतु सितंबर 2023 से शुरू हुई काउंसलिंग प्रक्रिया अब तेज हो गई है। 60 सीटों के सापेक्ष अब तक अधिकतर अभ्यर्थियों ने अपना प्रवेश सुरक्षित कर लिया है। हालांकि यह प्रक्रिया अक्टूबर तक चलेगी, पर कॉलेज प्रबंधन ने अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों से अपील करते हुए जल्द से जल्द काउंसलिंग करा लेने की सलाह दी है। गौरतलब हो कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में मेडिकल की महत्ता को देख अब इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए छात्र-छात्राओं में काफी उत्सुकता बढ़ी है, सभी अब मेडिकल के क्षेत्र में ही अपना भविष्य देख रहे हैं।

छात्र – छात्राओं की इसी उत्सुकता और उनके उज्जवल भविष्य को लेकर पारंपरिक शिक्षा में बेहतरीन मुकाम हासिल करने वाले प्रेमा ग्रुप आफ कॉलेज ने हालिया समय में प्रेमा कॉलेज आफ फार्मेसी की नींव रखी। कॉलेज को डी फार्मा की मान्यता देते हुए फार्मेसी काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने 60 सीटें आवंटित की।जिसे बोर्ड आफ टेक्निकल एजुकेशन उत्तर प्रदेश ने अपनी मंजूरी देते हुए काउंसलिंग की प्रक्रिया को आसान किया।

बोर्ड द्वारा मंजूरी मिलने के बाद सितंबर से ही प्रेमा कॉलेज आफ फार्मेसी में काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होकर इस वक्त काफी तेजी पकड़ ली है। संस्थान में डी फार्मा में एडमिशन लेने वाले अभ्यर्थियों में होड़ सी मच गई है। कम समय में ही 60 सीटों के सापेक्ष अधिकतर सीटों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, शेष सीटों को जल्द भरे जाने की प्रबल संभावना के तहत प्रेमा कॉलेज आफ फार्मेसी की चेयरमैन श्रीमती अंजना पाण्डेय ने स्थानीय अभिभावकों से अपने बच्चों का जल्द एडमिशन कराने की अपील और सलाह दी है।

👉 पूरे मामले पर जानकारी देते हुए प्रेमा ग्रुप आफ कॉलेज की चेयरमैन श्रीमती अंजना पाण्डेय ने कहा कि उनकी यही प्राथमिकता है कि स्थानीय छात्राएं इसका लाभ अधिक से अधिक पाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा की दिशा में यह महज एक शुरुआत है, आने वाले दिनों में मेडिकल सम्बन्धी तैयारी करने के लिए क्षेत्र के बच्चों को कहीं दूर नही जाना पड़ेगा, GNM कालेज पैरामेडिकल कॉलेज और आयुष मेडिकल कॉलेज की स्थापना करना ही उनका लक्ष्य है ताकि गरीब के बच्चे भी मेडिकल की पढ़ाई आसानी से कर सकें।

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