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एक हफ्ते तक युवक के जिस्म में धंसी रही पिस्टल की गोली लापरवाही करने पर कोतवाल व गोराबाजार चौकी इंचार्ज सस्पेंड

रिपोर्ट गुड्डू यादव स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाजीपुर । सदर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।पुलिस ने हत्या के प्रयास के मामले को महज मारपीट में दर्ज किया है।इतना ही नही युवक को गोली मारने की इस घटना में पुलिस ने युवक का मेडिकल परीक्षण तक कराने की जहमत नही उठायी।गोली लगने से घायल युवक एक हफ्ते तक न्याय की गुहार लगाता रहा।लेकिन सदर कोतवाली के प्रभारी पीड़ित और उसके परिजनों को थाने से दुत्कार कर भगाते रहे।एक हफ्ते बाद जब पीड़ित युवक और उसके परिजन एमएलसी विशाल सिंह चंचल के कार्यालय पर न्याय की फरियाद लेकर पहुंचे,तो एमएलसी विशाल सिंह चंचल की कड़ी फटकार के बाद सदर कोतवाली के प्रभारी और सीओ सिटी ने युवक को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया।जहां युवक का ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने उसके बाएं कंधे में धंसी गोली निकाली।पीड़ित युवक का मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है।जबकि इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है।पूरा मामला गाजीपुर सदर कोतवाली क्षेत्र के तुलसीसागर मुहल्ले के है।जहां रहने वाले युवक आलोक बलवंत को पिछले 11 सितम्बर को मामूली विवाद में दबंगों ने गोली मार दी।जो उसके बाएं कंधे में लगी।घटना के बाद पीड़ित और उसके परिजनों ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की।युवक को गोली मारने की इस घटना को लेकर पुलिस ने अपना खेल शुरू कर दिया।थाने पहुंचे पीड़ित के केस हत्या के प्रयास के बजाय महज मामूली मारपीट में दर्ज किया गया।पीड़ित के बार बार कंधे में गोली लगने की बात कहने के बावजूद पुलिस अपनी मनमर्जी पर डटी रही।पुलिस ने पीड़ित का मेडिकल कराने तक कि जरूरत नही समझी।इतना हो नही पीड़ित और उसके परिजनों के जोर देने पर कोतवाल ने उन्हें थाने से डांटकर भगा दिया।स्थानीय स्तर पर युवक ने अपने घाव की मरहम पट्टी कराई।युवक ने जब कंधे का एक्स रे कराया तो कंधे में गोली फंसी मिली।युवक ने फिर पुलिस से गुहार लगाई,लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नही की।ऐसे में पीड़ित युवक और उसके परिजन 17 सितम्बर को एमएलसी विशाल सिंह चंचल से उनके कार्यालय पर जाकर मिले, और आपबीती बताई।जिसके बाद एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने कोतवाल और सीओ सिटी को फौरन अपने ऑफिस तलब किया।एमएलसी ने इस मामले को लेकर दोनों को कड़ी फटकार लगाई।मामला एमएलसी के संज्ञान में आने के बाद पुलिस हरकत में आई,और पीड़ित युवक को मेडिकल कालेज ले गयी।जहां उसे भर्ती किया गया।मेडिकल कालेज में डॉक्टरों ने युवक के 19 सितम्बर को ऑपरेशन कर कंधे में धंसी गोली निकाली।जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।जिस युवक को पुलिस महज मारपीट में मामूली घायल बता कर मामले की लीपापोती में जुटी हुई थी।उसी युवक के कंधे से गोली निकलने के बाद पुलिस अफसरों के हाथ पांव फूल गए।पुलिस की इस बड़ी लापरवाही और मनमाने रवैये से एक हफ्ते तक युवक के जिस्म में पिस्टल की गोली धंसी रही,और वो दर्द से बेहाल रहा।लेकिन पुलिस अपनी मनमानी करती रही।जबकि गोली जिस्म में धंसी रहने से उसके जान पर लगातार खतरा बना हुआ था।फिलहाल इस मामले में एसपी ने आनन फानन कोतवाल गोरा बाजार चौकी प्रभारी अभिषेक सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया कर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है।जबकि आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।इस मामले को लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली पर गम्भीर सवालिया निशान खड़े है।पूरे मामले में शुरू से ही स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है।

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