रिपोर्ट कमलेश कुमार स्वतंत्र पत्रकार विजन
जन्माष्टमी का त्योहार अधूरा है, इसलिए हर साल जन्माष्टमी के दिन दही हांडी का पर्व मनाया जाता है. यह बाल कृष्ण के बचपन की नटखट लीलाओं को ताजा करता है.
देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है. हर कोई श्री कृष्ण की भक्ती में लीन नजर आ रहा है. हर तरफ श्रीकृष्ण के जयकारे गूंज रहे हैं. गृहस्थ जीवन वाले लोग आज यानी 6 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रख रहे हैं और रात 12 बजे कृष्ण का जन्म कराएंगे. इसके बाद अगले दिन दही हांडी फोड़ी जाएगी. कृष्ण जन्म के बाद दाही हांडी फोड़ने का ये पर्व भी देखने लायक होता है. खासकर महाराजगंज अतरौली तिराहे के पास में इसका अलग ही नजारा देखने को मिला है जहां ऊंचाई पर बंधी मटकी ,
बाल कृष्ण अक्सर गांव में माखन चुराने के लिए हांडी फोड़ा करते थे और इस वजह से उन्हें माखनचोर भी कहा जाता है. यह त्योहार उन्हीं को समर्पित है. इसलिए जन्माष्टमी में दही हांडी फोड़ने का भी कार्यक्रम किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि दही हांडी फोड़ने से श्री कृष्ण को अपने बचपन की याद आ जाती है और वो बहुत प्रसन्न हो जाते हैं. जन्माष्टमी में दही हांडी फोड़ने को बेहद शुभ माना जाता है और हेतिमपुर अतरौली महाराजगंज के चार टीम मौजूद रही काफी उत्साह के साथ मटकी फोड़ने का आनंद लेते रहें