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घोसी उपचुनाव सपा और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

मऊ। विधानसभा घोसी सीट से दारा सिंह को भाजपा प्रत्याशी घोषित कर दिया है। दारा सिंह के मैदान में आने से यहां का चुनाव रोचक हो गया है। सपा ने इस सीट से सुधाकर सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है।सुधाकर सिंह सपा के वरिष्ठ नेता हैं और कई बार विधायक रह चुके हैं। दारा सिंह चौहान के इस्तीफे से ही यह सीट खाली हुई थी। पिछली बार सपा के टिकट पर दारा सिंह चौहान विधायक बने थे। पिछले दिनों दारा सिंह ने यहां से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे।
दारा सिंह चौहान योगी की पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। भाजपा में आने के साथ ही उनके शपथ को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। एनडीए का हिस्सा बन चुके सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने तो सार्वजनिक रूप से कह दिया था कि उन्हें और दारा सिंह चौहान को जल्द ही मंत्री बनाया जाएगा। अब मंत्री बनने से पहले उन्हें अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। उन्हें घोसी सीट न सिर्फ जीतनी होगी बल्कि पिछली बार से ज्यादा वोटों से जीत कर खुद को साबित भी करना है।2022 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दारा सिंह चौहान के साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी से मंत्री पद और भाजपा से इस्तीफा देकर सपा का दामन थाम लिया था। दारा सिंह चौहान ही अपनी सीट निकालने में कामयाब हो सके थे। पिछले दिनों अचानक उन्होंने घोसी सीट से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। उसी दिन से माना जा रहा था कि उन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया जाएगा और घोसी सीट से वह प्रत्याशी भी हो सकते हैं।
घोसी उपचुनाव सपा और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव है। सपा के सामने अपनी सीट बरकरार रखने की चुनौती है। सपा को यह साबित करना है कि दारा सिंह दौरान और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर का साथ छोड़ने के बाद भी वोटरों में उसका प्रभाव अभी बरकरार है। वहीं भाजपा के लिए यह चुनाव लिटमस पेपर टेस्ट से कम नहीं है।
दारा सिंह चौहान को वापस लेने और तमाम अंतरविरोधों के बाद भी ओपी राजभर से हाथ मिलाने के बाद यह पहला चुनाव हो रहा है। दारा सिंह चौहान और ओपी राजभर को भी खुद को साबित करना है। ओपी राजभर का दावा है कि पिछली बार सपा की जीत उनके वोटरों के झुकाव के कारण हुई थी। ऐसे में दारा सिंह चौहान को न सिर्फ यह सीट जीतानी होगी बल्कि भारी अंतर से जीताना होगा। ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान दोनों के लिए यह चुनाव एक तरह से अग्निपरीक्षा होगी।

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