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जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल

रिपोर्ट

शशिकान्त जायसवाल

स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाजीपुर आज आईएसए समाज कल्याण जन जागरण विकास संस्थान गाजीपुर द्वारा ग्राम प्रधान आशा देवी की अध्यक्षता में ग्राम सभा की खुली बैठक का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि जिला परियोजना प्रबंधक इकाई के डीसी राजा राम सिंह एवं सौरव उपाध्याय मौजूद रहे इस बैठक में उपस्थित सभी ग्राम वासियों के सहयोग से और सचिव के दिशा निर्देश के अनुसार ग्राम पंचायत एवं पेयजल स्वच्छता समिति का गठन भी कराया गया, बैठक में उपस्थित सभी सम्मानित ग्राम वासियों को जल जीवन मिशन से संबंधित हर घर नल से शुद्ध पेयजल आपूर्ति, जल संरक्षण, पानी के रख रखाव पर विस्तार से चर्चा की गई । डी. सी. ने समिति के दायित्व पर चर्चा करते हुए दोहा के रूप मे ‘रहिमन पानी राखिए,बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरे ,मोती मानुष चून। दोहा का विमोचन करते हुए ग्राम वासियों को विस्तार से बताते हुए और पानी से मानव जीवन पर होने वाले नुकसान पर भी चर्चा की, जैसे पानी से पैदा होने वाले रोग जो कि जल-जनित बीमारियाँ (Water borne disease) कहलाती हैं पानी के दूषित होने के कारण ही फैलते हैं। जैसे हेप्पटाइटिस, कॉलरा, दस्त, टाइफाइड आदि जल-जनित बीमारियाँ हैं जो कि क्षेत्र में तमाम आबादी को प्रभावित करती हैं। और डीपीमयू टीम से आये हुए सौरभ उपाध्याय ने जल के महत्व पर चर्चा करते हुए “जल है तो कल है”, बावजूद इसके जल बेवजह बर्बाद किया जाता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है”। जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर उपलब्ध एक बहुमुल्य संसाधन है जल, या यूं कहें कि यही सभी सजीवो के जीने का आधार है जल। और आईएसए से सुनील यादव ने जीवन में इस धरती पर उपलब्ध जल के स्रोतों को विस्तार से समझाते हुए बताया कि धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है, किन्तु इसमें से 97% पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है, पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3% है। इसमें भी 2% पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में है। इस प्रकार सही मायने में मात्र 1% पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है। बैठक में उपस्थित सभी ग्रामवासी रहे।

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