Site icon SPV

भयंकर वर्षा में गोवर्धन धारण का चमत्कार, गूंज उठा कथा स्थल

श्वेतिमा माधव प्रिया ने पंचम दिवस की कथा में सुनाया इंद्र पूजा, गोवर्धन लीला और कृष्ण-रुक्मिणी विवाह

भक्ति और चमत्कार से सराबोर हुआ वातावरण, श्रद्धालु झूम उठे जयकारों में
दिव्य झांकियों और भजनों ने किया जन-मन को मंत्रमुग्ध

स्वतंत्र पत्रकार विजन
स्वयं शाही

गोरखपुर।
बहार क्लस्टर, सहारा स्टेट, गोरखपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस की कथा में विश्व की सबसे कम आयु की अंतर्राष्ट्रीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया ने इंद्र पूजा प्रसंग, गोवर्धन लीला और कृष्ण-रुक्मिणी विवाह का दिव्य वर्णन किया।

उन्होंने बताया कि जब ब्रजवासी परंपरा के अनुसार इंद्र की पूजा करने की तैयारी कर रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया कि असली पूजा प्रकृति और गोवर्धन पर्वत की करनी चाहिए। ग्वालबालों और मातृशक्ति संग ब्रजवासियों ने इंद्र के स्थान पर गोवर्धन पूजा की।

यह देखकर इंद्र देव क्रोधित हो उठे और उन्होंने घोर मेघों को आदेश देकर ब्रजभूमि पर भयंकर वर्षा करा दी। चारों ओर संकट और भय का वातावरण छा गया। तभी बालक कृष्ण ने अपनी छोटी-सी कनिष्ठा अँगुली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सम्पूर्ण ब्रजवासियों, ग्वालबालों व गौमाता को आश्रय देकर उनकी रक्षा की। यह अद्भुत लीला सुनकर श्रद्धालु आह्लादित हो उठे और पूरा पंडाल “गोवर्धन धारी जय जयकार” से गूंज उठा।

इसके पश्चात श्वेतिमा माधव प्रिया ने कृष्ण-रुक्मिणी विवाह का दिव्य प्रसंग सुनाया। जब रुक्मिणी जी ने कृष्ण को अपने हृदय का आराध्य स्वीकार कर पत्र लिखा, तब भगवान कृष्ण ने भव्य रूप से रुक्मिणी का अपहरण कर उनसे विवाह किया। यह विवाह प्रेम, समर्पण और धर्म की विजय का प्रतीक है।

कथा स्थल पर जब कृष्ण-रुक्मिणी विवाह की झांकी प्रस्तुत हुई, तो पूरा पंडाल तालियों, गीत-संगीत और जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालु स्वयं को मानो द्वारका नगरी के इस पावन उत्सव में सहभागी अनुभव कर रहे थे।

आयोजक एवं यजमान: अनिल श्रीवास्तव एवं विनीता श्रीवास्तव
कथा संयोजिका: डॉ. सरिता सिंह

इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे—
गोरखपुर के नगर प्रमुख डा मंगलेश श्रीवास्तव,सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ पाण्डेय, आचार्य गौरव पाण्डेय काशी, संजय श्रीवास्तव, रणविजय सिंह, उदय शंकर ओझा, भानु प्रताप सिंह, राजू सिंह, पुष्पेंद्र शुक्ला, अभिनव जायसवाल, देवेन्द्र प्रताप मिश्र, प्रेम कुमार मिश्र, जय प्रकाश श्रीवास्तव, बृजेंद्र सिंह, डॉ. राकेश सिंह, नीतेश शुक्ला, डॉ. रागिनी पाण्डेय (देहदानी), लव मिश्रा, सत्य प्रकाश, अर्चना दुबे, तथा बाल भक्त सौराष्ट्र सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु।

विदित हो कि मात्र आठ वर्ष की आयु में ही श्वेतिमा माधव प्रिया, जो धरा धाम प्रमुख सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ पाण्डेय एवं डॉ. रागिनी पाण्डेय की सुपुत्री हैं, अपनी 24वीं श्रीमद्भागवत कथा का वाचन कर रही हैं और अपनी दिव्य कथा-वाचन शैली से जन-जन के हृदय में भक्ति और आनंद का संचार कर रही हैं।

Exit mobile version