स्वयं शाही
स्वतंत्र पत्रकार विज़न
जनपद गोरखपुर शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने और लोगों को किफायती साधन उपलब्ध कराने के लिए शुरू हुए ई-रिक्शा अब गोरखपुर की सड़कों पर समस्या का कारण बन गए हैं। मुख्य चौराहों पर इनकी अवैध पार्किंग और मनमाने संचालन से आए दिन जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।शहर के गोलघर, विजय चौराहा, घंटाघर, रेलवे स्टेशन चौराहा, मोहद्दीपुर और दाउदपुर चौराहा पर ई-रिक्शा चालकों द्वारा मनमाने ढंग से सवारियां बैठाना-उतारना और बीच सड़क पर रोकना आम हो गया है। गलत दिशा से चलने की वजह से यातायात बार-बार बाधित होता है और राहगीरों को घंटों तक जाम में फंसना पड़ता है।स्थानीय निवासियों और व्यापारियों का कहना है कि ई-रिक्शा शुरू में सुविधा थे, लेकिन अब यह दुर्घटना और अव्यवस्था का कारण बन गए हैं। लोगों की मांग है कि प्रशासन इनके लिए निर्धारित स्टैंड और तय रूट लागू करे, साथ ही अवैध ई-रिक्शा पर सख्ती बरते।यदि स्थिति पर जल्द नियंत्रण नहीं किया गया तो गोरखपुर शहर की यातायात व्यवस्था और भी बदहाल हो सकती है।
ई-रिक्शा के फायदे
पेट्रोल-डीजल की तुलना में पर्यावरण को कम नुकसान पहुँचाते हैं।
किराया सस्ता होने से आमजन आसानी से इसका उपयोग कर सकते हैं।
छोटे-छोटे रास्तों और गलियों में भी सुगमता से पहुँच जाते हैं।
स्थानीय स्तर पर लोगों के लिए रोज़गार का साधन बने।
ई-रिक्शा के नुकसान
मनमाने ढंग से सवारियां बैठाना और बीच सड़क पर रोकना।
गलत दिशा में चलाने से आए दिन जाम और हादसे।
मुख्य चौराहों और बाजारों में अवैध पार्किंग से बाधा।
बिना पंजीकरण और नियमों की अनदेखी करते हुए संचालन
