*सपा के प्रतिनिधि मंडल ने हुलासीपुरवा का किया दौरा, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
*पुलिस हिरासत में कथित पुलिस पिटाई से रामचंद्र मौर्य की हुई मौत का मामला
*मझगईं थानाध्यक्ष और सीओ धौरहरा को तत्काल हटाया जाए
*डेलीगेशन में पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुराग पटेल और निघासन विधानसभा प्रभारी हिमांशु पटेल का नाम न होना बना चर्चा का विषय
स्वतंत्र पत्रकार विजन
संवाददाता
लखीमपुर खीरी।
मझगईं थाना क्षेत्र के ग्राम हुलासी पुरवा निवासी रामचंद्र मौर्य की पुलिस हिरासत में कथित पुलिस पिटाई से हुई मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है।लगातार प्रदेश और जिला स्तर के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मंडल गांव का दौरा कर पीड़ित परिवार से मुलाकात कर रहे हैं।सभी के निशाने पर दोषी पुलिसकर्मी हैं।इसी बहाने वह प्रदेश सरकार पर भी लगातार निशाना साध रहे हैं।
रविवार को प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के 12 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने गांव का दौरा किया।और मृतक रामचंद्र के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।नेताओं ने कहा कि प्रदेश में न्याय व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है।ऊपर से संरक्षण प्राप्त यह पुलिस पूरी तरह से निरंकुश होती जा रही है और लगातार अपनी मनमानी पर उतारू है।राजनीतिक द्वेषवश छोटे छोटे मामलों में गैंगेस्टर लगाया जा रहा है जबकि सत्ता का संरक्षण प्राप्त माफिया क्लीनचिट पा रहे हैं।सपा नेताओं ने कहा कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए।सीओ धौरहरा और मझगईं थानाध्यक्ष को तत्काल उनके पद से हटाया जाए।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के आंवला संसदीय क्षेत्र के सांसद नीरज मौर्य,खीरी सांसद उत्कर्ष वर्मा,धौरहरा सांसद आनंद भदौरिया, जिलाध्यक्ष रामपाल यादव,पूर्व एम एल सी/पूर्व जिलाध्यक्ष शशांक यादव,पूर्व विधायक गोला विनय तिवारी,पूर्व विधायक निघासन आरएस कुशवाहा,पूर्व विधायक श्रीनगर आर ए उस्मानी,पूर्व विधायक श्रीनगर रामसरन, पूर्व विधायक कस्ता सुनील लाला,संजीव मिश्रा,जिला महामंत्री अंसार महलूद,ध्रुव मौर्य,अशोक वर्मा,अजय सिंह,हिमांशु पटेल व बेनजीर उमर आदि सपा नेता शामिल रहे।
पूर्व जिलाध्यक्ष अनुराग पटेल और निघासन विधानसभा प्रभारी का नाम न होना बना चर्चा का विषय
रविवार को समाजवादी पार्टी के जिस भारी भरकम 12 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने हुलासी पुरवा का गांव का दौरा कर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की उसमें दो नाम ऐसे थे जो इस प्रतिनिधि मंडल में होने चहिये थे।लेकिन यह दोनों नाम इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल नहीं रहे।जबकि दूसरे जनपद बरेली के सांसद नाम इस प्रतिनिधि मंडल में नम्बर एक पर था।जो मुख्य दो नाम इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल नहीं थे उनमें पहला नाम सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुराग पटेल का था।खास बात यह है कि जिस निघासन विधानसभा की यह घटना थी,सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुराग पटेल का वह गृह क्षेत्र भी है।इसके बावजूद उन्हें पार्टी के डेलीगेशन से बाहर रखा गया।वहीं हिमांशु पटेल इस समय इसी निघासन विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी हैं।उन्हें भी सपा के भारी भरकम 12 सदस्यीय इस डेलीगेशन में जगह नहीं दी गयी।हालांकि डेलीगेशन में नाम न होने के बावजूद हिमांशु पटेल वहां पहुंचे।लेकिन पूर्व जिलाध्यक्ष अनुराग पटेल ने डेलीगेशन में नाम न होने के कारण इससे दूरी बनाना ही मुनासिब समझा।सपा के ही कुछ लोग इन दोनों नामों को डेलीगेशन में शामिल न किये जाने को पार्टी की गुटबाजी से जोड़कर देख रहे हैं।