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लंका मैदान में लगें प्रदर्शनी मेले के झूलों में भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं फायर सेफ्टी है न ही फर्स्टएड की व्यवस्था

स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव

गाजीपुर।शहर की लंका मैदान प्रदर्शनी मेला में घूमने जा रहे हैं तो अपनी सुरक्षा का खुद इंतजाम रखें, क्योंकि मेले में फायर सेफ्टी से लेकर फर्स्टएड तक दुकानदारों पर मौजूद नहीं है। रविवार को जब पत्रकारों ने प्रदर्शनी मेला में झूला सेक्टर की पड़ताल की तो सामने आया कि किसी के पास भी सुरक्षा इंतजाम के नाम पर कुछ नहीं था। यहां तक कि फायर सेफ्टी के छोटे सिलेंडर सैकड़ो दुकानों में किसी के पास मौजूद नहीं थे। यही नहीं यदि कोई झूलते वक्त चोटिल होता है तो तत्काल राहत देने के लिए फर्स्टएड तक का इंतजाम नहीं था। बीमा व सेफ्टी सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी नहीं हो पाई जानकारी के अनुसार प्राधिकरण को जो सेफ्टी सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए जाते हैं उसमें झूले में उपयोग आने वाली मशीन की जानकारी दी जाती है। सेफ्टी सर्टिफिकेट मेला में लगने वाले झूले सुरक्षित हैं इसके लिए पीडब्ल्यूडी की ओर से सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं,
झूले लगाने के बाद उनके बिना टेक्निकल टेस्टिंग कराई लोगों की जान को जोखिम में डालकर झूला चलाया जा रहा है। जबकि झूला लगाने के बाद उसकी टेक्निकल टेस्टिंग होती है। ठेकेदार द्वारा अधिक पैसा कमाने के चक्कर में इन बड़े-बड़े झूलों पर बिना टेक्निकल टेस्टिंग के बच्चों एवं बड़ों को बैठाकर चलाया जा रहा है। झूले के खंभे पर बिजली के तार दौड़ाकर सैकड़ो ट्यूबलाइट लगाई गई है दिन में सैकड़ो टेप लगे हुए हैं बिजली के तार से झूले में बिजली उतरने पर बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है। बिजली विभाग क्या आंख बंद करके एनओसी दे देता है। जबकि नियमानुसार प्रदर्शनी में प्रयुक्त बिजली के तारों को प्लास्टिक के पाइप के अंदर ले जाना चाहिए प्रदर्शनी में बिजली के केवल झूठों के रास्ते से बिखरे हुए जो किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं इसी तरह छोटे बच्चों के झूलों को लगाकर बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है।
इन सर्टिफिकेट पर पत्रकारों ने झूला संचालकों से जानकारी लेनी चाहिए तो झूलों के संचालन मौके से गायब हो गए। वहां पर मौजूद ऑपरेटर ने लगाई गई मशीन के बारे में जानकारी देने से चुप्पी साध लिए। जिससे यह पता नहीं चलता कि जिस मशीन का उपयोग झूला संचालन में उपयोग किया जा रहा है वह कितनी सुरक्षित है और वह कितनी बिजली की खपत करेगी। इसका फायदा झूला संचालकों ने भरपूर उठा रहे है। झूले वाले एक भी कनेक्शन नहीं लिया है। इससे साफ है कि झूला सेक्टर में बिजली का भरपूर उपयोग हो रहा है। प्रदर्शनी मेला में एक एंबुलेंस व दो डाक्टर तैनात होना चाहिए। मौके पर देखा गया तो कोई भी एंबुलेंस तैनात नहीं है ।प्रदर्शनी मेला में एक अस्थाई अस्पताल होना चाहिए जहां पर दो डाक्टर तैनात होते हैं। तत्काल रिलीफ देने के लिए झूला संचालकों ने फस्टएड की किट तक अपने पास नहीं रखी है। प्रदर्शनी मेला में आए हुए आगंतुकों के लिए कहीं भी शौचालय की व्यवस्था नही है। टिकट घर पर कोई शुल्क नहीं लिखा गया है न तो आए हुए आगंतुक को जो पर्ची मिल रही है उस पर्ची पर कोई शुल्क नहीं लिखा गया है।किसी भी खाद्य सामग्री के स्टॉल पर फूड लाइसेंस भी नहीं लगा है। ऑनलाइन फायर सेफ्टी व्यवस्था है दुकान पर काम कर रहे कर्मचारियों से इस बाबत पूछा गया तो उसने जवाब दिया कि लाइसेंस मलिक के पास है।

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