कथा में झूमते रहे श्रद्धालु गण
स्वतंत्र पत्रकार विजन
संवाददाता
गढ़वा झारखंड
जानकी बाग गढ़वा झारखंड में अयोजित श्रीमद भागवत भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन गोरक्ष धाम से पधारी आठ वर्षीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया ने कथा का विस्तार किया, उन्होंने वाचन किया कि प्रयागराज में गंगा, जमुना, सरस्वती का मिलन होता है। मिलन में गंगा जमुना तो दिखाई देती हैं लेकिन सरस्वती को कोई नहीं देख पाता, सरस्वती को देखने के लिए कई बार प्रयास करने पड़ते हैं लेकिन सफलता नहीं मिलती। इसी तरह गीता में विज्ञान, वैराग्य और भक्ति है, लेकिन विज्ञान और वैराग्य तो दिखाई देता है लेकिन भक्ति नहीं दिखाई देती, भक्ति को देखने के लिए लीन होना पड़ता है। इसके अलावा व्यास नारद संवाद परीक्षित जन्म, वक्ता के दस लक्षण, रसिका भूवि भाविका, कुंती चरित्र, विदुर मैत्री प्रसंग की कथा श्रवण कराई। कथा के दूसरे दिन कथा व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया जी ने द्वितीय दिवस ज्ञान, भक्ति, वैराग्य की कथा श्रवण कराते हुए मोक्ष प्राप्ति की कथा श्रवण कराई। साथ ही व्यास नारद संवाद, परीक्षित जन्म, वस्ता के दस लक्षण, रसिका भूवि भाविका, कुन्ती चरित्र सहित विदुर मैत्री प्रसंग की कथा श्रवण कराई। कथा व्यास श्वेतिमा ने बताया कि हमेशा मधुर मीठा बोलो, वाणी के सुर सुधार लो, जिस तरह कौवा दिन भर कांय कांय करता है लेकिन कोई नहीं सुनता लेकिन जब कोयल बोलती है तो सब ध्यान से सुनते हैं इसी लिए कोयल बनो कौवा नहीं। जीव का कल्याण भगवत भजन से होगा क्योंकि जीव का जन्म प्रभु की भक्ति के लिए हुआ है, प्रभु का भजन जो जीव नहीं करता है पशु के समान होता है। अगर कल्याण चाहते हैं, जन्म मरण के चक्कर से बचना चाहते हैं तो हरी को याद करें, भगवान का भजन ही भजन का सार है बाकी सब बेकार है। कथा के दौरान वाराणसी से आए हुए आचार्य गौरव पांडेय जी द्वारा वैदिक मंत्रोचारण और अयोध्या से आए हुए भजन गायक सुमित दुबे का भजन और मदन मोहन मालवीय जी का तबला पर संगत देखते बनता था। इस संगीतमय भागवत कथा पर सभी भक्त भक्ति भाव में झूमते नजर आएं।
मौके पर बड़ी संख्या में श्रृद्धालु मौजूद थे, आठ वर्षीय साध्वी द्वारा भागवत कथा का वाचन सुन कर लोग भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे थे।
साध्वी के साथ उनके पिता धराधाम अंतराष्ट्रीय सेवा संस्थान के सोहार्द शिरोमणि संत डॉक्टर सौरभ पांडेय जी, माता ,समाजसेविका डॉक्टर रागिनी पाण्डेय, आचार्य गौरव पांडेय, तबला वादक मदन मोहन मालवीय, भजन गायक सुमित दुबे, बाल भक्त सौराष्ट्र, पंडित हर्ष, पुरूषोतम चंदेल, श्याम देव बिंद, नागेंद्र बिंद, नीरज श्रीधर, आलोक त्रिपाठी, राजेश सिंह,राजीव भारद्वाज ,मिथिलेश दुबे, सोनू तिवारी, जयंत पाण्डेय उपस्थित थे।