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23 नवंबर 2007 को सीरियल बम ब्‍लास्‍ट में दहल उठा था बनारस

स्वतंत्र पत्रकार विज़न
संवाददाता

वाराणसी। 23 नवंबर 2007 के दिन कचहरी परिसर बम के धमाकों से थर्रा उठा था। इस हादसे में जान गंवाने वाले अधिवक्‍ताओं और अन्‍य लोगों को वाराणसी की कचहरी में शनिवार को श्रद्धांजलि दी गई तो अपनों और अपने साथियों को गंवाने वाले अधिवक्‍ताओं के आंखों नम रही
इस वारदात के दौरान तीन अधिवक्‍ताओं सहित कुल नौ लोगों की मौत हुई थी। शनिवार को बम विस्फोट कांड की बरसी पर वकीलों ने कचहरी परिसर में श्रद्धांजलि दी।
17 साल पूर्व कचहरी परिसर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में मारे गए अधिवक्ताओं तथा वादकारियों को अधिवक्ताओं ने शनिवार को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।23 नवंबर 2007 को सीरियल बम ब्‍लास्‍ट में दहल उठा था बनारस का कचहरी परिसर, 3 अधिवक्ता समेत नौ की गई थी जान
23 नवंबर 2007 को सीरियल बम ब्‍लास्‍ट में दहल उठा था बनारस का कचहरी परिसर, 3 अधिवक्ता समेत नौ की गई थी जान
नवंबर 23, 2024
आज ही के दिन वर्ष 2007 में कचहरी परिसर बम के धमाकों से थर्रा उठा था। इस हादसे में जान गंवाने वाले अधिवक्‍ताओं और अन्‍य लोगों को वाराणसी की कचहरी में शनिवार को श्रद्धांजलि दी गई तो अपनों और अपने साथियों को गंवाने वाले अधिवक्‍ताओं के आंखों के कोर गीले हो उठे।
इस वारदात के दौरान तीन अधिवक्‍ताओं सहित कुल नौ लोगों की मौत हुई थी। शनिवार को बम विस्फोट कांड की बरसी पर वकीलों ने कचहरी परिसर में श्रद्धांजलि दी।
17 साल पूर्व कचहरी परिसर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में मारे गए अधिवक्ताओं तथा वादकारियों को अधिवक्ताओं ने शनिवार को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
अधिवक्ताओं ने विस्फोट स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा मोमबत्ती जलाकर श्रद्धासुमन अर्पित किये। बता दें कि 23 नवंबर 2007 को कचहरी परिसर में सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था। इस घटना में तीन अधिवक्ताओं भोला सिंह, बह्म प्रकाश शर्मा व बुद्धिराज वर्मा समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।
कांग्रेस नेता अजय राय भी कचहरी परिसर में थे मौजूद
कचहरी में दो ब्लास्ट हुए तो लोगों ने समझा कि माफिया मुख्तार अंसारी ने अजय राय पर हमला कराया है। जिस जगह पहला धमाका हुआ वहां से कुछ ही दूरी पर अजय राय खड़े थे।
यह तस्वीर 23 नवंबर 2007 कचहरी परिसर बम ब्लास्ट के बाद की है ।
अजय राय ने भी उस समय यही बयान दिया कि हमला मुख्तार अंसारी ने कराया है। इस मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने भी मुख्तार अंसारी को लेकर जांच की लेकिन उसका कोई हाथ नहीं था।
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