स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव
वाराणसी। शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले 30 दिन में 1600 लोगों को कुत्तों ने काटा है। इन सभी लोगों ने जिला अस्पताल और मंडलीय अस्पताल में रैबीज का इंजेक्शन लगवाया है। सात महीने से नगर निगम के पशु पालन विभाग द्वारा कुत्तों का बंध्याकरण न करने की वजह से इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि नगर निगम पांच साल में 19 हजार से अधिक कुत्तों का बंध्याकरण (नसबंदी) करा चुका है। एक अनुमान के मुताबिक शहर में इस समय 38 हजार से अधिक कुत्ते हैं। टेंडर के पेच में सात महीने से कुत्तों का बंध्याकरण का काम बंद चल रहा है। पहले मानव गौरव निर्माण संस्थान नामक एनजीओ को बंध्याकरण कराने का टेंडर दिया था। इसके टेंडर की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गई थी। इसके बाद से कुत्तों की बंध्याकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई है। इसके चलते अवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह मामला कई बार निगम की कार्यकारिणी बैठक में उठ चुका है। निगम की ओर से दो बार टेंडर निकाला गया था, लेकिन उसके बाद भी किसी ने अप्लाई नहीं किया। अब फिर से तीसरी बार टेंडर निकाला गया और भोपाल की एक संस्था ने अपनी रुचि दिखाई है। दरअसल निगम ने टेंडर में यह शर्त रखी थी कि जो भी संस्था टेंडर लेती है उसके पास एक अस्पताल होना चाहिए। जहां कुत्तों का बंध्याकरण करने के बाद जब तक वह सही न हो जाए और जिस जगह से उठाया है, उस जगह पर छोड़ा न जाए, तब तक उन्हें सुरक्षित रखना पड़ेगा। नगर निगम द्वारा लालपुर (मीरापुर बसहीं वार्ड) के ऐढ़े में एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर बनाया जा रहा है। इसके बन जाने के बाद से नगर निगम ही कुत्तों का बंध्याकरण करेगा। इसमें कुत्तों के लिए अलग-अलग हेयर स्टाइल, मैनिक्योर, पेडिक्योर, स्पा ट्रीटमेंट जैसी सुविधाएं भी मिलेगी। काफी समय से बंध्याकरण नहीं हो रहा था। दो बार टेंडर निकाला गया, लेकिन किसी ने आवेदन नहीं किया। डॉ. संतोष पाल, पशु कल्याण एवं चिकित्सा अधिकारी, नगर निगम ने बताया कि तीसरे बार टेंडर में भोपाल की एक कंपनी आई है, टेंडर हो गया है। जल्द ही काम शुरू होगा। पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण (श्वान प्रजनन एवं विपणन) नियम 2017 के तहत पालतू कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण शुल्क 507 रुपये निर्धारित है। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड, कुत्ते की फोटो, वैक्सीन कार्ड लेकर नगर निगम के पशु चिकित्सा व कल्याण विभाग में संपर्क किया जा सकता है। कुत्तों के पंजीकरण कराने से कुत्तों की सटीक संख्या का आकलन हो सकेगा।