स्वतंत्र पत्रकार विजन
ब्यूरो चीफ रितेश कुमार
चौबेपुर/वाराणसी छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. चार दिनों तक चलने वाली इस छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. लाखों श्रद्धालुओं ने नदी,तालाब पोखरा के किनारे अस्ताचलगामी सूर्य को ‘पहला अर्घ्य’ दिया आस्था के महापर्व छठ का लोगों के बीच गजब का उत्साह दिख रहा है. चहुंओर छठ के गीत गूंज रहे हैं-कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए.., जोड़े-जोड़े नारियल तोहे चढ़इबो ना.., ऐ छठी मइया होई ना सहइया.सज-धजकर तैयार घाटों पर गुरुवार को संध्याकाल में क्षेत्र के छित्तमपुर चौबेपुर,मोलनापुर,चंद्रावती,कैथी, बाबतपुर, गौरा, कित्ता, बराईं का विहंगम दृश्य देखते बन रहा था आस्था के महापर्व की अदभुत अकल्पनीय मनमोहक छवि देखने को मिल रही है. लगभग लाखों से लोगों ने घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की. कल सुबह छठ व्रतियों द्वारा उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जिसके बाद छठी मैया की पूजा संपन्न होगी।
इस बार भी छठ पूजा पर कृत्रिम घाटों का निर्माण करवाया गया है. ताकि छठ पूजा करने में श्रद्धालुओं को परेशानी न हो.संध्या अर्घ्य देने और सूर्य की पूजा अर्चना करने से जीवन में तेज बना रहता है और यश, धन, वैभव की प्राप्ति होती है. शाम को अस्ताचलगामी सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया जाता है, इसलिए इसे संध्या अर्घ्य कहा जाता है. इसके पश्चात विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. संध्या को अर्घ्य देने के लिए छठ व्रती पूरे परिवार के साथ घाटों की ओर रवाना होते हैं. इस दौरान पूरे रास्ते व्रती दंडवत करते जाते हैं. सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले रास्ते भर उन्हें जमीन पर लेटकर व्रती प्रणाम करते हैं. दंडवत करने के दौरान आस-पास मौजूद लोग छठव्रती को स्पर्श कर प्रणाम करते हैं, ताकि उन्हें भी पुण्य की प्राप्ति हो सके. यहां पिछले कई सालों से लगातार छठ मनाई जा रही है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस घाट पर पहुंचे और डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. स्थानीय लोगों ने कृत्रिम घाट बनाकर छठ पूजा का आयोजन किया. भगवान सूर्य को समर्पित है. यहां पर भी श्रद्धालुओं ने डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया. वेदों में सूर्य देव ऊर्जा और जीवन शक्ति के देवता माने गए है. महिलाएं छठ के दौरान कठोर उपवास रखती हैं और अपने परिवार और बच्चों की भलाई, समृद्धि और प्रगति के लिए भगवान सूर्य और छठी मैया से प्रार्थना करती हैं. यह महापर्व सूर्य देव और छठी मैया आपके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का संचार करें। इस पवित्र पर्व पर आपके सभी कष्ट दूर हों, और आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार हो। छठी मैया की कृपा से आपके घर में खुशियाँ बनी रहें, परिवार में प्रेम और एकता का संचार हो। आस्था के इस पर्व पर आपके सभी संकल्प पूर्ण हों।