स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव
गाजीपुर। बच्चों के कुपोषण में कमी लाने व गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए जिले में आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं, लेकिन जिले में इन उद्देश्यों पर संबंधित विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है। शहर क्षेत्र के वार्ड नंबर छः में बच्चों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस क्षेत्र के कई आंगनबाड़ी केंद्रों में एक्सपायरी डेट के दाल सहित अन्य खाद्य पदार्थ के पैकेट बांटे गए। खराब क्वालिटी की सप्लाई को बीते शनिवार को बिना जांच के वार्ड नंबर छः के लाभार्थियों को बांट दिया गया।
कुछ लोगों ने जब दाल पर एक्पायरी तिथि देखी तो महिला एवं बाल विकास विभाग से शिकायत की। साथ ही सभी को फोन करके सचेत कर दिया, ताकि वे इसका प्रयोग न करें। विभागद्वारा दिए गए एक्सपायरी डेट के दाल बच्चों के लिए किसी जहर से कम नहीं हैं। हैरानी की बात है कि विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं है, जिससे वे इसकी जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं हैं। उक्त घटना से लोगों में विभाग के खिलाफ काफी रोष है। उनका कहना है कि बच्चों व गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों में पौष्टिक आहार दिया जाता है, लेकिन अगर एक्सपायरी डेट की खाद्य सामग्री बांट दी तो लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
आंगनबाड़ी केंद्र में कीड़ा लगा पोषाहार आपूर्ति करने के मामले में जांच कब होगी। यह बताने वाला कोई नहीं है। आपूर्तिकर्ता ने आंगनबाड़ी सेविका को बांटने के लिए एक्सपायरी डेट की आंगनबाड़ी में खाद्य सामाग्री दी गयी थी। इन पोषाहार सामग्री में मिल्क पाउडर, दाल, सोयाबीन पैकेट आदि शामिल थे।
वहीं आंगनबाड़ी की सेविका ने एक्सपायरी डेट बिना पढ़े ही लाभार्थियों को पोषाहार बांट दिया। बांटे हुए एक्सपायरी पोषाहार की शिकायत अभिभावकों ने आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर की, जिसमें कीड़े लगे पोषाहार पाया गया था। अभिभावकों ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका पर जानबूझकर कीड़ा लगे एक्सपायरी पोषाहार बच्चों के बीच वितरण करने का आरोप लगाया है। पोषाहार में कीड़ा मिलने के बाद स्थानीय लोगो समेत जनप्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा किया। साथ ही आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को चेतावनी देते हुए कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल
पूरे जिले में पोषण आहार की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लग गया है। शहर के वार्ड नंबर छः में कीड़े युक्त पैकेट शहरी लोगों ने जागरूकता से पकड़ लिया। अधिकांश जगह आहार बंट ही नहीं रहा है। केवल कागजों में जमा खर्च चल रहा है। सदर विधानसभा से पोषण आहार का माफिया राज चलाने की योजना अंतिम चरण में है। वार्ड नंबर छः उसी का नमूना है। बच्चों के निवाले के साथ इस तरह की लापरवाही चिंताजनक है।