स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव
गाजीपुर। जिले में भ्रष्टाचार का एक गंभीर समस्या बन गई है। यहां सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही है फरियादियों को अपने समस्याओं का समाधान पाने के लिए अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग पा रही है। हालत यह है कि पुलिस से लेकर राजस्व विभाग तक के कर्मचारी फरियादियों से मोटी रकम वसूलने में लगे हैं। इसका जीता जागता प्रमाण हाल ही में एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई में देखने को मिला। जिसमें मरदह ब्लॉक के एडीओ पंचायत कौशल किशोर सिंह, जमानिया तहसील के लेखपाल प्रभाकर पाण्डेय, इसके पहले मोहम्मदाबाद तहसील लेखपाल राजेश यादव, शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाकारी अजमत अकरम, सीएमओ कार्यालय के बाबू अनिल कुमार चौबे, चकबंदी अधिकारी गजाधर सिंह, सादात थाना दरोगा आफताब अहमद आदि को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है इस कार्रवाई ने जिले में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर किया है।
सरकारी तंत्र की ईमानदारी पर उठे सवाल
गाजीपुर जिले में भ्रष्टाचार की यह घटनाएं न केवल सरकारी तंत्र की ईमानदारी पर सवाल खड़ा करती है बल्कि या यह भी दर्शाती है कि कैसे सरकारी कर्मचारी अपने पद पर दुरुपयोग कर रहे हैं। एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई एक सकारात्मक संकेत है लेकिन यह जरूरी है कि सिलसिला जारी रहे और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। केवल तभी आम पब्लिक को अपनी समस्याओं का समाधान मिल सकेगा और प्रशासन में विश्वास बहाल हो सकेगा।
फरियादियों को अभी तक सरकारी तंत्र से उम्मीद
उम्मीद है कि इस घटनाओं के बाद अन्य कर्मचारी भी सबक लेंगे और अपनी कार्यप्रणाली सुधार लेंगे ताकि भ्रष्टाचार की इस जड़ को समाप्त किया जा सके। गाजीपुर जिले के फरियादियों और पीड़ितों ने बताया कि सरकारी तंत्र तथा रिश्वत लेने की कई घटनाएं सामने आई है इसके बावजूद हम लोग कोई ईमानदार और कार्य को प्राथमिकता देने वाले अधिकारियों से न्याय की उम्मीद है इसलिए अधिकारियों के पास आकर न्याय की गुहार लगाते हैं। जिसमें हम लोगों को न्याय मिल सके एक न एक दिन ईमानदार सरकारी तंत्र हमारी जरूर सुनेगा और मदद करेगा।
कार्रवाई से यह निकला महत्व
इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि गाजीपुर में भ्रष्टाचार की समस्या केवल कुछ मामलों तक सीमित नहीं बल्कि यह एक व्यापक समस्या है जो शासन की समस्त परतों में व्याप्त है। एंटी करप्शन टीम किया गिरफ्तार या पुनस्थार्पित करने का काम करती है।
गाजीपुर में एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई ने एक नई उम्मीद जगाई है कि अगर सही दिशा में प्रयास किया जाए तो भ्रष्टाचार को नियंत्रित किया जा सकता है। यह कार्रवाई केवल कुछ सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं बल्कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। अगर इसी तरह की कार्रवाई जारी रही तो संभव है कि गाजीपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।