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बाढ से सौ एकड़ फसल नष्ट, नहीं मिला मुआवजा

मुवाजा नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं

स्वयं शाही
स्वतंत्र पत्रकार विज़न

जनपद गोरखपुर विकास खंड गोला के उपनगर गोला के विस्तारित क्षेत्र मे स्थित बिसरा में इस वर्ष तीन बार आई बाढ स करीब दो दर्जन किसानों की करीब 100 एकड़ धान की फसल डूब कर पूरी तरह नष्ट हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बावजूद आज बाढ़ की विभीषिका झेल रहे ग्रामीणों को उनकी फसल का मुवाजा नहीं मिला जिसको लेकर किसानों में आक्रोश है।सरयू तट पर स्थित बिसरा वार्ड प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है। जिससे प्रतिवर्ष धान की 100 एकड़ फसल नष्ट हो रही है। इस वर्ष तीन बार बाढ आ चुका है। जिससे करीब 100 एकड़ में रोपी गई धान की फसल डूब कर नष्ट हो गयी है। लेकिन अभी तक नष्ट फसल का मुवाजा किसानों को नहीं मिल सका है। जिसको लेकर किसानों में आक्रोश की स्थिती है। ग्रामीणों के द्वारा अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है।रेगुलेटर से आता है बाढ़ का पानी विसरा नदी की भौगोलिक स्थिति बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र जैसी नहीं है। फिर प्रत्येक वर्ष बाढ के पानी से विसरा का मौर्या टोला, बाबू साहब का टोला, बढ़ई टोला घिर जाता है।1998 की बाढ़ में यहां पीएसी लगानी पड़ी थी। गोला उरुवा राम जानकी मार्ग पर बिसरा के पास घुटना भर पानी लग गया था। नदी का पानी ओवर फ्लो कर सड़क के उत्तर की तरफ बहने लगा था। इस मार्ग पर एक सप्ताह आवागमन बंद कर दिया गया था। इस बार भी तीन बार बाढ़ आई। ग्रामीण बाढ़ आने के पीछे डिहवा से बिसरा तक बने बंधे में लगे रेगुलेटर को बताते हैं। उनका कहना है कि सरयू नदी में जब बाढ़ आती है। तो बंधे से दक्षिण नदी किनारे डिहवा से बिसरा तक बने सीसी रोड को क्रास कर उत्तर तरफ पानी गिरने लगता है। रेगुलेटर का ढक्कन ठीक से बंद न होने के चलते बाढ़ का पानी बह कर बिसरा के पूरब तरफ निचले भू भाग में जमने लगता है। जो बाद में बाढ़ का रूप धारण कर लेता है। जिससे प्रति वर्ष बाढ़ क्षेत्र न होने के बावजूद बाढ़ आ जाती है। करीब 100 एकड़ में बोई गई धान की फसल डूब जाती है। कई टोला बाढ़ के पानी से घिर जाता है तहसीलदार गोला बृजमोहन शुक्ल का कहना है कि प्रभावित वार्ड में लेखपाल को सर्वे करने के लिए दुबारा भेजा गया है।

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