स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव
गाजीपुर। मंगलवार को शास्त्री नगर चौराहा गाज़ीपुर स्थित मां कवलपती हॉस्पिटल मैटर्निटी एवं रिसर्च सेंटर में धूमधाम से भगवान विश्वकर्मा का पूजा किया गया। विश्वकर्मा पूजा के दौरान, भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति रखकर कर भक्ति के साथ उनकी पूजा की गई। लोग कृतज्ञता के संकेत के रूप में देवता को मिठाइयां, फल और अन्य प्रसाद चढ़ाया गया । इसके अतिरिक्त, शिल्प कौशल के महत्व और काम में सटीकता की आवश्यकता के प्रतीक के रूप में अस्पतालों और रखरखाव सहित विभिन्न व्यवसायों में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों पूजा की गई। डॉ स्वतंत्र देव सिंह ने बताया विश्वकर्मा पूजा का इतिहास हिंदू पौराणिक कथाओं में निहित है। विश्वकर्मा पूजा चिकित्सा और रखरखाव क्षेत्रों सहित किसी के काम और प्रयासों में उत्कृष्टता के लिए उनका आशीर्वाद लेने का दिन है। यह शिल्प कौशल, समर्पण और पूर्णता की खोज की भावना को प्रोत्साहित करता है। जो किसी भी पेशे में आवश्यक गुण हैं। भगवान विश्वकर्मा को संसार का रचयिता और देवताओं का गुरु शिल्पकार माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने देवी-देवताओं के महलों, वाहनों और हथियारों का निर्माण किया था। संस्थान के पुजारी द्वारा विश्वकर्मा पूजा का महत्व भगवान विश्वकर्मा का सम्मान करने और सफलता,समृद्धि और सुरक्षा के लिए उनका आशीर्वाद मांगने में निहित है। पूजा के दौरान डॉ स्वतंत्र देव सिंह, डॉ बीती सिंह
समेत तमाम कर्मचारीगण मौजूद रहे।