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श्रीकृष्ण का जन्म केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना का प्रतीक – साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया

श्रीकृष्ण का जन्म केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना का प्रतीक – साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया

गणपति महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का चतुर्थ दिवस

स्वतंत्र पत्रकार विजन
स्वयं शाही

गोरखपुर
जय गणेश मित्र मंडल द्वारा गणपति महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया जी ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का हर्षोल्लासपूर्ण और भव्य वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जब कंस का अत्याचार बढ़ गया था, तब भगवान श्रीकृष्ण ने वसुदेव और देवकी के घर अवतार लिया। उनके जन्म के साथ ही अंधकार मिट गया, बेड़ियां टूट गईं, और वसुदेव जी उन्हें सुरक्षित रूप से गोकुल ले गए। यह प्रसंग दर्शाता है कि जब जीवन में अंधकार और संकट होता है, तब भगवान का आशीर्वाद हमें मुक्त करता है।
कृष्ण जन्मोत्सव को बेहद शानदार और धूमधाम से मनाया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा और सभी श्रद्धालु झूम उठे। साध्वी जी ने बताया कि श्रीकृष्ण का जन्म केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना का प्रतीक है। जैसे श्रीकृष्ण ने जेल के अंधकार को दूर किया, वैसे ही भक्ति का प्रकाश हमारे जीवन से अज्ञान का अंधकार मिटाता है। इस दौरान बाल कृष्ण की लीलाओं का भी वर्णन किया गया, जिनमें गहरे आध्यात्मिक संदेश छिपे हैं, जो हमें धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से धरा धाम प्रमुख सौहार्द शिरोमणि संत डा सौरभ ,बृजेश मणि त्रिपाठी आयोजक ,डा विनय श्रीवास्तव,गौतम पाण्डेय,रत्नाकर त्रिपाठी, राजन सिंह सूर्यवंशी,दिनेश मणि मिश्रा, डा नंद लाल मणि त्रिपाठी,राजन राम त्रिपाठी, युवा नेता अमित पाण्डेय ,अंकुर श्रीवास्तव,डा अजय सिंह,कृपा शंकर राय,दीपक पाण्डेय,डा रागिनी पाण्डेय,सुभाष पाण्डेय,कौशल किशोर नादान, सोनू पाण्डेय,लक्ष्मी शंकर,विशाल दुबे,बाल भक्त सौराष्ट्र,श्याम शुक्ला, मुरली दूबे,गुलाब पाण्डेय,आदि श्रद्धालुओ ने भागवत कथा रस का पान किया।

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