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गाजीपुर में अतिक्रमण पर चला प्रशासन का बुलडोजर:रेलवे की जमीन को खाली कराया

स्वतंत्र पत्रकार विजन
रिपोर्ट गुड्डू यादव

ग़ाज़ीपुर। जिले में रेलवे प्रशासन का बुलडोजर गरजा। सिटी रेलवे स्टेशन से लेकर अफीम फैक्ट्री तक इस अभियान के तहत कई अवैध कब्जों को रेलवे प्रशासन ध्वस्त किया गया। मालूम हो कि बीते महीने ही रेलवे प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करते हुए कब्जा हटा लेने का निर्देश दिया था। ऐसा न करने पर रेलवे प्रशासन ने बुलडोजर लगाकर अवैध कब्जो को ध्वस्त करने की चेतावनी भी दी थी। मंगलवार को रेलवे की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए चलाए गए अभियान से अवैध कब्जदारों में हड़कम्प की स्थिति देखने को मिली। पिछले दिनों रेलवे की तरफ से अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया था और कुछ लोगों के अवैध कब्जों का ध्वस्तीकरण भी किया गया था। इस दौरान 67 अस्थाई अतिक्रमण हटाये गए थे। इसके बाद अन्य अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया गया। अतिक्रमण को स्वयं हटाने के लिए नोटिस जारी करते हुए उनके मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया गया। बावजूद इसके तमाम कब्जदारों ने अतिक्रमण नहीं हटाए। ऐसे में रेलवे प्रशासन को आज यह अभियान चलाना पड़ा। जानकारी के मुताबिक सिटी रेलवे स्टेशन से लंका होते हुए अफीम फैक्ट्री तक रेलवे की लगभग 5 लाख स्क्वायर फीट की जमीन है। जिस पर वर्षों से लोग अतिक्रमण किए हुए हैं। लेकिन अब रेलवे प्रशासन ने अपनी जमीन की सुध ली है।
ज्ञात हो कि ब्रितानी हुकूमत काल में मुख्य डाकघर के पास अफीम फैक्ट्री में कच्चे माल को लाने और तैयार अफीम को सुरक्षित पहुंचाने के लिए अंग्रेजों को सुरक्षित संसाधन की जरूरत महसूस हुई। इसके लिए उन्होंने अफीम फैक्ट्री से लेकर लंका होते हुए सिटी रेलवे स्टेशन तक रेलवे ट्रैक बिछा दी। इसी ट्रैक से ट्रेन के जरिए सिटी रेलवे स्टेशन से कच्चा माल अफीम फैक्ट्री के लिए आता था। साथ ही तैयार अफीम को इसी रूट से सिटी रेलवे स्टेशन तक भेजा जाता था। आजादी के बाद ट्रैक पर ट्रेनें दौड़नी बंद हो गईं। नतीजतन रेलवे ट्रैक अनुपयोगी हो गई। समय बीतने के साथ रेलवे के भूखंड पर कब्जा हो गया। इसी कब्जे को हटाने के लिए रेलवे महकमे ने अब अभियान चलाया है। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि सिटी रेलवे स्टेशन, लंका और अफीम फैक्ट्री के पास रेलवे की जमीनों को आज कब्जा मुक्त कराया जा रहा है। इस अभियान में आरपीएफ की फोर्स भी लगाई गई है। कब्जा मुक्त कराने से पहले सभी कब्जदारों को नोटिस भी जारी की गई थी।

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