स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव
गाजीपुर। इमामबाड़ा नगर सहित जिले के विभिन्न शहरों व गांवों में चेहल्लुम पर्व शांति व सद्भाव के गाजीपुर इमामबाड़ा नगर सहित जिले के विभिन्न शहरों व गांवों में चेहल्लुम पर्व शांति व सद्भाव के साथ मनाया गया।
गाजीपुर। इमाम बाड़ा नगर सहित जिले के विभिन्न शहरों व गांवों में चेहल्लुम पर्व शांति व सद्भाव के साथ मनाया गया। इस साल प्रशासन सुरक्षा का इंतजाम नहीं किए गए थे।शहर के इमाम बाड़ा में चहल्लुम का त्योहार सोमवार को सादगी पूर्वक मनाया गया। हजरत इमाम हुसैन की शहादत के चालीसवें दिन चेहल्लुम का त्योहार मुस्लिम समाज के द्वारा मनाया जाता है। यजीद ने इमाम हुसैन के 71 परिवार को जिनमें छह माह के दुधमुंहा बच्चे को बर्बरता पूर्वक मौत के घाट उतार दिया। हजरत इमाम हुसैन ने सच्चाई के लिए शहादत की बलि वेदी पर कुर्बान होना मुनासिब समझा लेकिन यजीदों की नापाक इरादों के समक्ष नतमस्तक होना कबूल नहीं किया। उन्होंने बताया कि इमाम हुसैन की शहादत के बाद काफिले में बची औरतें व बीमार लोगों को यजीद की सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। उनके खेमे के शिविर को भी आग के हवाले कर दिया था। यजीद के कब्जे वाले काफिले को यजीद ने मदीना जाने की अनुमति दी और सैनिकों से वापस पहुंचाने को कहा। हजरत-ए-जैनुल आब्दीन पर मदीना से वापसी के दौरान करबला पहुंचे और शोहदा-ए-करबला की कब्र की जयारत यानी दर्शन की। तभी से उनके शहादत के चालीसवें दिन चेहल्लुम मनाने के परम्परा की शुरुआत हुई। इस दिन उनके शहादत की गाथा पर मस्जिदों, कर्बला, ईदगाह सहित पवित्र स्थानों में उनके श्रद्धांजलि स्वरूप नमाज अदा किया गया। इस अवसर पर कई स्थानों पर जिक्रे शहादत की मजलिश सजाई गई मुस्लिम समुदाय के घरों में उनके नाम पर इबादत की जाती है। चेहल्लुम के दिन ताजीये निकालने की भी परमपरम्परा है, ताजीया के साथ घोड़ा ऊंटों के साथ किया गया मातम