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कुलपति ने पौराणिक एवं धार्मिक महत्व के माखन कटोरी पौध का रोपण किया

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाजीपुर। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर परिसर स्थित शिव वाटिका में रविवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्विद्यालय की कुलपति प्रोफे० (डॉ०) वन्दना सिंह ने वृक्षारोपण किया। कुलपति ने पौराणिक एवं धार्मिक महत्व रखने वाले पौधे माखन कटोरी (फाइकस कृष्णि) का रोपित किया। कुलपति की ओर से वृक्षारोपण के दौरान कालेज के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह और प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय के साथ अन्य शिक्षक और कर्मचारियों की भी मौजूदगी रही।उन्होंने शिव वाटिका स्थित विभिन्न प्रकार के वृक्ष, तालाब आदि का गहन निरीक्षण करने के पश्चात शिव कुटी में कुछ देर विश्राम किया। उन्होंने शिव वाटिका के कुशल रखरखाव को लेकर महाविद्यालय परिवार की सराहना किया। शिव वाटिका स्थित शिव मंदिर में उन्होंने पूजा अर्चना करने के साथ ही उन्होंने भजन कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।
कुलपति ने कृषि संकाय की ओर से संचालित डेयरी फार्म, पोल्ट्री फार्म, जिम्नेजीयम हाल और खेलकूद मैदान का भी निरीक्षण किया। इस बाबत महाविद्यालय परिवार की ओर से रखे कुछ मांगों पर उन्होंने सहमति जताई।
कुलपति सिंह ने प्राचार्य प्रोफेसर पाण्डेय की मौजूदगी में शिक्षकों के साथ आयोजित संवाद बैठक में शिक्षकों के साथ कई अकादमिक विषयों पर चर्चा किया। इस बीच शिक्षकों की ओर से आए कई सुझाव पर कुलपति ने सहमति जाहिर किया। उक्त बैठक में प्राचार्य के साथ चीफ प्रॉक्टर प्रोफ०एस० डी० सिंह परिहार, आईंक्यूएससी के समन्वयक प्रोफ० एस०एन० सिंह, पीएचडी कोर्स वर्क के सह- समन्वयक प्रोफ० अरुण कुमार यादव, शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ० रामदुलारे, संयुक्त मंत्री धर्मेंद्र, डॉ० योगेश कुमार, डॉ० संजय सुमन, अमरजीत सिंह, प्रदीप रंजन, स्टेनोग्राफर संजय कुमार श्रीवास्तव, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह शम्मी, उपाध्यक्ष विजय कुमार सिंह,पुस्तकालय प्रभारी अरुण कुमार सिंह के साथ ही अन्य कर्मचारी और शिक्षक मौजूद रहे।
इसके साथ कि कुलपति ने बीए की छात्रा अंजली मौर्या को भी सम्मानित किया। अंजली मौर्या गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली स्थित कर्तव्य मार्ग के परेड में प्लाटून कमांडर के तौर पर हिस्सा लिया। कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि यह महाविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और अंजली अनेक छात्र-छात्राओं के लिए एक रोल मॉडल है। अकादमी गतिविधियों के साथ ही एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी में भी छात्र-छात्राओं को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।

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