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भ्रष्टाचार का पर्याय बना गाजीपुर आरटीओ ऑफिस

रिपोर्ट

संवादाता

स्वतंत्र पत्रकार विजन

उत्तर प्रदेश, जनपद गाजीपुर का एआरटीओ ऑफिस बना दलालों का अड्डा जहां उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा करती है वही वायरल वीडियो ने पूरे विभाग हड़कंप मचा दिया । आप को बता दें कि वायरल वीडियो एआरटीओ कार्यालय का बताया जा रहा है। जहां पर ड्राइवरी लाइसेंस के नाम पर विभागीय लोगों को कमीशन देते समय वीडियो वायरल हो रहा है, वीडियो में दलाल के द्वारा बताया जा रहा यह पैसा सभी विभागीय लोगों को देना पड़ता । इससे पहले भी एआरटीओ कार्यालय चर्चाओ का केंद्र बना रहा है, आरटीओ कार्यालय में एसडीएम में बीते दिनों पहले दलालों को लेकर छापा मारा था। जिसमें सभी दलाल मौका देखकर भाग निकले थे, फिलहाल इस मामले के शिकायत एआरटीओ सौम्या पांडे से करने के बाद उन्होंने बताया है कि, शीघ्र ही मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करूंगी।
जनपद गाजीपुर के आरटीओ ऑफिस में उच्च अधिकारियों के नाक के नीचे जमकर बंदरबांट चलता है|
आरटीओ ऑफिस गाजीपुर में हमेशा दलाली होती है कोई भी कार्य दलालों के बिना हो जाए यह संभव नहीं , लेकिन कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि अगर दलालों का सहारा नहीं लेते हैं तो कार्यालय का चक्कर ही लगाते रहेंगे कोई भी कार्य नहीं होगा।
लाइसेंस बनवाने के लिए एक टेस्ट देना पड़ता है और टेस्ट के नाम पर अस्थायी लाइसेंस पर 1200 – 1500 रुपये और स्थायी लाइसेंस पर 3000-4000 रुपये लिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त आरटीओ ऑफिस से जुड़े हुए प्रत्येक कार्य में आरसी , गाड़ी के कागज बनवाने, कागज की समय सीमा बढ़वाने , गाड़ियों का ट्रांसफर करवाने जैसे सभी कार्यों में काफी मात्रा में दलाली चलती है। क्योंकि आरटीओ ऑफिस में हर शाख पे उल्लू बैठा है यदि आपका ठीक-ठाक दलाल है तो कोई भी गलत कार्य आसानी से कार्यालय में करवाया जा सकता है|
उपभोक्ताओं का आरोप है कि कार्यालय में सारा लेन-देन का कार्य हर पटलों पर बैठे हुए दलालों, बाबूओं और अधिकारियों की मिलीभगत से किया जाता हैं। लाइसेंस उपभोक्ता करना है कि कम से कम 15 दिन से चक्कर लगा रहा है|
पटल पर बैठे दलाल कभी बाबू के पास तो कभी अधिकारी के पास भेज देते हैं। कभी कहते हैं कि बाबू खाना खाने गये और कभी बाबू छुटटी पर हैं। उनका कहना है कि वो रिश्वत नहीं दे रहे हैं इसलिए उन्हें गुमराह किया जा रहा है। परंतु आश्चर्य की बात यह है की समस्याओं के लिए जिम्मेदार आखिर कौन है एआरटीओ कार्यालय चर्चाओ का केंद्र बना रहा है आरटीओ कार्यालय में एसडीएम ने कुछ दिनों पहले दलालों को लेकर छापा भी मारा गया था. जिसमें सभी दलाल मौका देखकर फरार हो गए थे. फिलहाल इस मामले के शिकायत एआरटीओ सौम्या पांडे से किया गया था. जिसके बाद उन्होंने बताया है कि शीघ्र ही मामले की जांच कर उचित कार्यवाही कि जाएगी.
ऐसे पता नही कितने मामले हर रोज देश के अलग-अलग शहरों से आते रहते है और प्रशासन ऐसे लोगों के गिरोह के पीछे भागती रह जाती है और ये लोग फरार हो जाते है. लेकिन गलती जब खुद प्रशासन चलाने वाले लोगों के तरफ से की जा रही हो तो इसकी जिम्मेदारी किसको दी जाएगी.

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