दुर्गेश मूर्तिकार
सिद्धार्थनगर जनपद के बांसी। पूर्वांचल में लगने वाला बांसी माघ मेला की तैयारी जोरों पर है। मौनी अमावस्या से शुरू होकर लगभग 01 महीने तक चलने वाले मेले में दूर दराज से दर्शक और दुकान आते रहते हैं। माघ मेले का आकर्षण इस वर्ष भी झूला,मौत का कूंआ, जादूगर, नौटंकी,डांस पार्टी और सर्कस के अलावा अन्य आइटम रहेंगे। पिछली बार राजस्व वसूली में रिकार्ड सफलता पाने के पश्चात नगरपालिका भी भरपूर प्रयास कर रही है। पूर्व उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार द्वारा माघ मेला कमेटी के गठन के पश्चात संपन्न कराए गए 03 बैठकों में तय किया गया था कि माघ मेला में लगने वाले दुकानों की पारदर्शिता किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में माघ मेला आयोजन घाटे में रहता था इसके पीछे जानकारों का मानना है कि अधिकांश दुकानें योजनाबद्ध तरीके से पालिका के जिम्मेदारों द्वारा अपने लोगों को दे दी जाती थी। इसके अलावा पूर्व के बैठकों में माघ मेला मैदान का व्यापारिक उद्देश्य से सुंदरीकरण और अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव भी पास किया गया था। मेला से जुटे हुए धन का कुछ प्रतिशत माघ मेला मैदान के समतलीकरण और रख रखाव पर खर्च करने की बात कही गई थी। पिछले वर्ष वसूले गए राजस्व का खर्च कहां पर किया गया ये एक यक्ष प्रश्न है।